



108 ब्राह्मणों द्वारा 8 लाख हरे कृष्ण नाम जाप और 56 भोग सेवा
कृष्णमय भव्य भोग सेवा से प्रेम रस का अर्पण
- श्री राधा दामोदर मंदिर , मथुरा, उत्तर प्रदेश
- 16 अगस्त, शनिवार, भाद्रपद कृष्ण अष्टमी
पूजा बुकिंग बंद होने में शेष समय:
पूजा के बारे में:
कृष्णमय भव्य भोग सेवा – प्रेम रस का अर्पण
श्री कृष्ण जन्माष्टमी | 8 लाख नाम जाप महोत्सव | 108 ब्राह्मण अखंड हरे कृष्ण नाम जाप | 56 भोग सेवा
🪈 108 ब्राह्मण, 8 लाख ‘हरे कृष्ण’ नाम
🪈 56 भोग के साथ जन्माष्टमी का भव्य उत्सव
भाद्रपद मास की शुरुआत के साथ ही पर्वों का सिलसिला आरंभ हो जाता है। इन्हीं में से एक है श्रीकृष्ण जन्माष्टमी—भक्ति, आराधना और उत्सव का अद्वितीय संगम। इस अवसर पर श्री मंदिर में आयोजित हो रहा है—
108 ब्राह्मणों द्वारा 8 लाख ‘हरे कृष्ण’ नाम जाप
56 भोग सेवा – मिठाइयाँ, नमकीन, फल, मावे और अनेकों स्वादिष्ट व्यंजन, जो केवल सामग्री ही नहीं, बल्कि हमारे भाव और श्रद्धा की अनुपम भेंट हैं।
कृष्ण जन्म कथा की स्मृति में
मथुरा की कारागार से लेकर गोकुल की गलियों तक, भगवान श्रीकृष्ण का जन्म और लीलाएँ भक्तों के हृदय में अमिट हैं। जन्माष्टमी पर किया जाने वाला 56 भोग अर्पण केवल परंपरा नहीं, बल्कि ईश्वर के चरणों में प्रेम और कृतज्ञता का प्रतीक है।
8 लाख ‘हरे कृष्ण’ नाम जाप का महात्म्य
ब्रज क्षेत्र में हरे कृष्ण संकीर्तन की विशेष महिमा है। इस दिव्य जाप से वातावरण कृष्णमय हो जाता है, और भक्त के जीवन में शांति, प्रेम और उन्नति का आशीर्वाद उतरता है। जब 108 ब्राह्मण विधि-विधान से 8 लाख नाम जपते हैं, तो उसकी शक्ति और पुण्य कई गुना बढ़ जाता है।
🌸 आमंत्रण
इस दुर्लभ अवसर को न गँवाएँ!
श्री मंदिर द्वारा आयोजित 108 ब्राह्मण अखंड हरे कृष्ण नाम जाप एवं 56 भोग सेवा में सम्मिलित होकर प्रेम, भक्ति और समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त करें।
पूजा के लाभ

प्रेम और वात्सल्य
मान्यता है कि जन्माष्टमी पर अखंड हरे कृष्ण नाम जाप और 56 भोग महानुष्ठान से भगवान श्रीकृष्ण प्रसन्न होकर भक्तों के जीवन से संकट और खालीपन दूर करते हैं। यह आराधना हृदय में प्रेम और सकारात्मकता की ऊर्जा भर देती है।

स्पष्टता और सुरक्षा
भगवान श्रीकृष्ण की कृपा से परिवार में आपसी समझ और सुरक्षा का एहसास प्रबल होता है। मान्यता है कि जीवन के सबसे कठिन समय में भी गोपाल जी अपने भक्तों का साथ नहीं छोड़ते।

समृद्धि और सफलता
यह दिव्य अनुष्ठान संघर्षों को सफलता में बदलने की शक्ति रखता है। जन्माष्टमी पर की गई यह पूजा परिवार में समृद्धि के नए द्वार खोलती है और जीवन को सही दिशा में आगे बढ़ने का आशीर्वाद देती है
पूजा प्रक्रिया
पूजा का चयन करें:
नीचे दिए गए पूजा के विकल्पों में से किसी एक का चुनाव करें।
अर्पण जोड़ें
अन्न सेवा, गौ सेवा, दीपसेवा, वस्त्र सेवा जैसे अन्य सेवाओं के साथ अपने पूजा अनुभव को बेहतर बनाएं।
संकल्प विवरण दर्ज करें
संकल्प के लिए अपना नाम एवं गोत्र भरें।
पूजा के दिन अपडेट पाएं
हमारे अनुभवी पंडित पूरे विधि विधान से पूजा कराएंगे, पूजा के दिन श्री मंदिर भक्तों की पूजा सामूहिक रूप से की जाएगी। जिसका लाइव अपडेट्स आपके व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा।
पूजा वीडियो और दिव्य आशीर्वाद बॉक्स
3-4 दिनों के अंदर अपने व्हाट्सएप नंबर पर पूजा वीडियो पाएं एवं 8-10 दिनों में दिव्य आशीर्वाद बॉक्स प्राप्त करें।
श्री राधा दामोदर मंदिर , मथुरा, उत्तर प्रदेश

वृंदावन के सबसे प्राचीन और पवित्र मंदिरों में से एक, श्री राधा दामोदर मंदिर को नगर के सात प्रमुख मंदिरों में स्थान प्राप्त है। इसकी वेदी का सबसे अनोखा रत्न है गोवर्धन शिला—वह दिव्य पत्थर जिसे स्वयं भगवान श्रीकृष्ण ने सनातन गोस्वामी को प्रदान किया था।
कहते हैं कि श्रील रूप गोस्वामी प्रतिदिन गोवर्धन परिक्रमा करते थे। उनकी अनन्य भक्ति से प्रसन्न होकर भगवान कृष्ण बालक के रूप में प्रकट हुए और उन्हें यह गिरिराज शिला दी, जिस पर वे बांसुरी बजाने लगे। उनकी मधुर धुनों से शिला पिघल गई और भगवान ने कहा—“इस शिला की पूजा और परिक्रमा, गोवर्धन परिक्रमा के समान पुण्य प्रदान करेगी।”
आज भी श्रद्धालु मानते हैं कि राधा दामोदर मंदिर की चार परिक्रमाएं, गोवर्धन पर्वत की एक परिक्रमा के बराबर हैं। अपनी अद्भुत सुंदरता, भक्ति की महक और सेवाभाव के कारण यह मंदिर दुनिया भर से आने वाले भक्तों और पर्यटकों को निरंतर आकर्षित करता है।